Tuesday, August 12, 2008

' बे मौत मरेंगे तेरे चाहने वाले '

कल रात की ही तो बात है... सपने में मौत आ गई थी। पता नहीं क्यूँ उसे देख कर मुझे हँसी आ गई। इतने पर ही घुर्रा कर पूछती है, "बदतमीज़! तुझे मौत से डर नहीं लगता?" मैंने उसे फ़िर से हँसी में ही टाल दिया। सोचा, बेचारी नादान है। शायद नहीं जानती की, मैं तो रोज़ रात किसी की याद में मरके ही आँखें बंद करता हूँ। आज इसमें ये कौन सी नई बात ले कर आई है ??

1 comment:

Praharsh Sharma said...

Thanks buddy! I wondered if we knew each other? :)